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कन्नौज पापा की परी बनी कातिल , पिता का नही भाई की हत्या का था इरादा,

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कातिल बेटी बोली- पिता की गर्दन रेतकर भांप रही थी बेहोशी का असर





कन्नौज जिले में छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के करीमुल्लापुर गांव में वीडीओ पिता अजय पाल राजपूत की हत्या के मामले में हिरासत में ली गई उनकी हत्यारोपी 17 वर्षीय बेटी ने पुलिस की पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा किया। किशोरी के अनुसार परिजनों को उसके प्रेम संबंधों की भनक थी। इसे लेकर बड़ा भाई उस पर पाबंदियां लगाता था। 
इसी के चलते वह सभी को बेहोश करके भाई की ही हत्या करना चाहती थी। बेहोशी की दवा का असर चेक करने के लिए पिता की गर्दन धारदार हथियार से रेतकर टेस्टिंग की, लेकिन अनजाने में घाव गहरा होने से उनकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार हत्यारोपी किशोरी और उसके प्रेमी के बीच चल रहे प्रेम-प्रसंग की भनक उनके परिजनों को लग चुकी थी।
कई बार फोन से बात व चैटिंग करते हुए पकड़ी गई थी। इसको लेकर अक्सर उसका भाई सिद्धार्थ उस पर तंज कसते हुए उस पर पाबंदियां लगाता था। भाई की रोक टोक से आजिज होकर किशोरी ने भाई की हत्या का प्लान बनाया। अगर हथौड़ी से हमला करते वक्त सिद्धार्थ की आंख न खुलती तो उसकी भी जान चली गई होती। 
 न होती उल्टी, तो सिद्धार्थ की भी होती हत्या
किशोरी की इस दुस्साहसिक वारदात को सुनकर हर कोई सन्न रह गया। किशोरी ने पूरे परिवार को रात में खाना बनाकर खिलाया था, जिसमें बेहोशी की दवा मिलाई थी। खाना खाने के बाद सभी का जी मिचलाने लगा और सभी को उल्टियां हुईं। उल्टी होने से ही उन्हें खिलाई गई दवा का असर कम हो गया। यही वजह रही कि जब किशोरी ने सिद्धार्थ पर हथौड़ी से हमला किया तो उसकी आंख खुल गई। इसके बाद भी किशोरी ने सिद्धार्थ को नाखून से नोचना और दांतों से काटना बंद नही किया ।
पापा की परी बनी उनकी ही कातिल
मृतक वीडीओ अजय पाल राजपूत के दो बेटे और एक बेटी हैं। इकलौती बेटी होने के कारण दंपती की वह लाडली थी। बेटों से ज्यादा दोनों बेटी पर प्यार लुटाते थे। उसकी हर ख्वाहिश को प्राथमिकता से पूरा करते थे। ग्राम विकास अधिकारी को क्या पता था कि जिस बेटी पर वे जान छिड़कते हैं, वहीं एक दिन उनकी मौत की वजह बन जाएगी।
एक सप्ताह पहले भी दी थीं नींद की गोलियां
मृतक के बड़े बेटे सिद्धार्थ व अमन की मानें, तो लगभग एक सप्ताह पहले भी बहन ने बैंगन-आलू की सब्जी व रोटी बनाई थी। उसे खाने के बाद सभी गहरी नींद में सो गए थे। उस दिन किसी कारणवश बहन अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकी। सोमवार को दूसरे प्रयास में उसने पिता की जान ले ली। वहीं, दवा का असर पूरे परिवार पर सुबह तक था। उनकी जुबान तक लड़खड़ा रही थी।

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