होनहार और जरूरतमंद छात्रों के लिए नई उम्मीद की किरण
आजमगढ़ के शहीदवारा क्षेत्र में स्थित सेंट्रल पब्लिक एकेडमी ने शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस प्रतिष्ठित संस्थान ने मेधावी और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए एक ऐसी योजना लागू की है जो न सिर्फ प्रेरणादायक है, बल्कि समाज के लिए मिसाल भी बनेगी।
विद्यालय के चेयरमैन श्री अभिमन्यु दुबे ने जानकारी दी कि हाईस्कूल में 95% या उससे अधिक अंक लाने वाले छात्रों की 11वीं और 12वीं की पूरी पढ़ाई स्कूल द्वारा नि:शुल्क कराई जाएगी। यही नहीं, जो छात्र इससे कुछ कम अंक लाते हैं, उन्हें भी स्कॉलरशिप की सुविधा दी जाएगी ताकि पैसे के कारण किसी का भविष्य अधूरा न रह जाए।
डॉ. काज़ी सिद्दीकी हसीब – इस विद्यालय के प्रिंसिपल – खुद एक प्रेरणास्रोत हैं। अरब देशों में प्रिंसिपल रह चुके डॉ. हसीब को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे महान व्यक्तित्वों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उनका आजमगढ़ आकर शिक्षा की सेवा देना पूरे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है।
उन्होंने कहा – "हमारी योजना उन बच्चों के लिए है जिनके सपनों को अक्सर पैसे की दीवार रोक देती है। लेकिन अब नहीं। यह योजना उनके लिए वरदान है जो पढ़ना चाहते हैं, कुछ करना चाहते हैं और समाज को नई दिशा देना चाहते हैं।"
एकेडमी की सुपरवाइजर आरफा काज़ी ने बताया कि – "हमारा प्रयास है कि शिक्षा किसी भी बच्चे के लिए बोझ न बने, बल्कि एक अवसर बने। हम सभी माता-पिता से अपील करते हैं कि आगे आएं और इस योजना का लाभ लें।"
विद्यालय की शिक्षिका सरिता यादव ने कहा – "यह योजना खासकर उन बच्चों के लिए संजीवनी है जिनमें प्रतिभा है लेकिन संसाधन नहीं। शिक्षा हर बच्चे का हक है और हमारा विद्यालय इसे हकीकत बना रहा है।"
अकाउंटेंट दिनेश कुमार शर्मा ने भी साफ कहा कि – "आज के दौर में अगर कोई बच्चा पढ़ नहीं पाता तो उसका सबसे बड़ा कारण पैसे की तंगी होती है। इस पहल से अब ऐसे बच्चों को नई दिशा मिलेगी।"
अभिभावकों ने भी इस कदम की जमकर सराहना की। एक अभिभावक ने कहा – "जहां लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं, वहीं सेंट्रल पब्लिक एकेडमी ने हमारे बच्चों के भविष्य को प्राथमिकता दी है। ये कार्य सभी के बस की बात नहीं।"
सच में, सेंट्रल पब्लिक एकेडमी की यह पहल सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि एक आंदोलन है – शिक्षा के माध्यम से समाज को बदलने का।
जो बच्चे मेहनत कर रहे हैं, उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर है। आजमगढ़ को गर्व है कि ऐसा संस्थान और ऐसे शिक्षाविद उसके बीच हैं।