Type Here to Get Search Results !

आजमगढ़ फरिहा में अकीदत और अमन के साथ अदा की गई ईद उल अज़हा की नमाज़

0

 प्रधान की पहल ने साफ़-सफाई और सम्मान दोनों की मिसाल पेश की



आज़मगढ़ जिले के निज़ामाबाद थाना क्षेत्र के फरिहा गांव में इस्लाम धर्म के सबसे अहम त्योहारों में से एक ईद उल अज़हा (बकरीद) की नमाज़ अकीदत और एहतेराम के साथ अदा की गई। सुबह होते ही गांव के ईदगाह और मस्जिदों में नमाज़ियों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने पाक लिबास पहनकर एक साथ नमाज़ अदा की और एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद पेश की।

ईदगाह में नमाज़ के बाद इमाम हाफ़िज़ रियाज़ ने ख़ुत्बा देते हुए ईद उल अज़हा की अहमियत पर रौशनी डाली। उन्होंने कहा कि यह त्योहार सिर्फ जानवर की कुर्बानी का नहीं, बल्कि अपने नफ़्स (स्वार्थ) और बुराइयों की कुर्बानी देने का भी पैग़ाम देता है। यह दिन हमें सिखाता है कि इंसानियत के रास्ते पर चलकर, एक-दूसरे को माफ़ कर, प्यार और भाईचारे को फैलाया जाए।

फरिहा गांव के प्रधान अबूबकर ख़ान ने जानकारी दी कि ईद का त्योहार गांव में हर साल की तरह इस बार भी शांतिपूर्ण और उत्साह के साथ मनाया गया। उन्होंने बताया कि बकरीद के अवसर पर गांव में सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने जेसीबी मशीन से गड्ढे खुदवाए, ताकि कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेषों को सही ढंग से निस्तारित किया जा सके। इससे पर्यावरण की सफाई बनी रहती है और बदबू जैसी समस्याएं नहीं होतीं।

वहीं फरिहा चौकी प्रभारी अनिल कुमार सिंह अपने पूरे पुलिस बल के साथ मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने गांव में सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लिया और नमाज़ के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई। स्थानीय लोगों ने पुलिस प्रशासन के इस सहयोग की सराहना की।

गांव में इस मौके पर खुशहाली, भाईचारा और मेल-मिलाप का माहौल देखने को मिला। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी के चेहरों पर खुशी झलक रही थी।

इस तरह फरिहा में ईद उल अज़हा का त्योहार अमन, इंसानियत और कुर्बानी के असल पैग़ाम के साथ मनाया गया।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Top Post Ad

Below Post Ad

close