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मजबूरी ने क्या से क्या करवा दिया बिल भरने के लिए बेचनी पड़ी औलाद

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पैसे के लालची डॉक्टर ने हजारों में खरीदा... दंपती को लाखों में बेचा




उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में नवजात बच्चे को बेचने के मामले में आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपियें में न्यू लाइफ अस्पताल के संचालक चिकित्सक व खरीदने वाले ग्वालियर निवासी निसंतान दंपती शामिल हैं। पुलिस ने दंपती सहित कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। बरामद नवजात का शिशु वार्ड में उपचार किया जा रहा है। उसे शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया जाएगा। सीडब्ल्यूसी के आदेशानुसार कार्रवाई होगी।
उत्तर थाना क्षेत्र के रानी नगर कोटला रोड मंडी समिति के पास निवासी धर्मेंद्र की पत्नी दामिनी ने एक बच्चे को 18 अप्रैल को जन्म दिया था। उसको पास के रहने वाले युवक ने बातों में फंसाकर थाना रामगढ़ में स्थित न्यू लाइफ हॉस्पीटल में भर्ती कराकर उसका 18 हजार का तीन दिन में बिल बनवाया था। मजदूरी करने वाला धर्मेंद्र इस धनराशि को चुकाने में नाकाम था। 
धर्मेंद्र की मजबूरी देखते हुए चिकित्सक और दलालों ने बच्चे को बेचने की साजिश रच डाली। पिता को समझाया कि उसके बच्चे को निसंतान दंपती को दे दें तो बिल जमा होने के साथ ढाई लाख रुपये मिल जाएगा। क्योंकि धर्मेंद्र पर पहले से एक बेटा और एक बेटी थे। खुद की माली हालत व चिकित्सक और दलालों के चंगुल में फंसकर बच्चा को बेच बैठा।
बच्चा ग्वालियर के स्वर्णकार निसंतान दंपती सज्जन गर्ग और उसकी पत्नी रुचि गर्ग निवासी एस-1 थर्ड फ्लोर श्री साईं अपार्टमेंट श्रुति एन्कलेव द्वारिकापुरी को बेचने की तैयारी अस्पताल के चिकित्सक ने बिचौलियों की माध्यम से करा दी। बच्चा ग्वालियर पहुंच गया, लेकिन बच्चे की मां दामिनी बच्चे को वापस कराने की जिद पर अड़ गई। 
पिता धर्मेंद्र को पूरी धनराशि नहीं मिलने पर मामला बिगड़ गया। यह मामला जब रामगढ़ पुलिस के संज्ञान में आया तो पुलिस व प्रशासन की टीम सक्रिय हो गई। पुलिस ने बच्चे की बरामदगी ग्वालियर निवासी स्वर्णकार दंपती के घर से बरामद कर लिया।
बच्चे को बरामद करने के बाद सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत किया। बाल कल्याण समिति ने बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश दिए। एसपी सिटी सर्वेशचंद्र मिश्र ने बताया कि बच्चे के मामले में प्राइवेट अस्पताल के चिकित्सक, ग्वालियर के दंपती के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हो गया है। 
मामले की जांच की जा रही है। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष आशीष कुमार ने कहा कि बच्चे का उपचार चल रहा है। उसे सीडब्ल्यूसी के समक्ष शुक्रवार को प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं। थाना प्रभारी रामगढ़ प्रदीप कुमार ने बताया कि तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अन्य लोगों के नाम भी प्रकाश में आए हैं। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
प्रशासन ने अलग से गठित की टीम
बच्चे चोरी के मामले में जिला प्रशासन की ओर से अलग से टीम का गठन किया है। इसमें सीएमओ डॉ. रामबदन राम, नगर मजिस्ट्रेट राजेंद्र कुमार के साथ सीओ सिटी हिमांशु गौरव को शामिल किया है। नगर मजिस्ट्रेट का कहना है कि बच्चे की बरामदगी होने के लिए टीम बनाई थी। मामले की जानकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी देंगे।

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