आजमगढ़ आत्मरक्षा के लिए छात्राओं को सिखाए जाएंगे जूडो कराटे
Up Crime Expressमई 12, 20240
अब छात्राए कर सकेंगी खुद की हिफ़ाज़त
आजमगढ़। सरकारी स्कूलों में छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। अधिक से अधिक छात्राओं को प्रशिक्षण के लिए प्रेरित किया जाएगा। जूडो कराटे के प्रशिक्षकों को 24 दिन सिखाने पर 2400 रुपये मानदेय का भुगतान स्कूल की ओर से किया जाएगा। रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कंपोजिट विद्यालय व कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को आत्मरक्षा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए अनुदेशकों व शारीरिक शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए ट्रेनिंग सेंटर भी नामित किए जाएंगे। प्रशिक्षित खेल अनुदेशकों की तरफ से छात्राओं को संबंधित विद्यालय में 24 कार्य दिवसों तक नियमित रूप से प्रतिदिन एक घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बीएसए समीर ने बताया कि इसमें आत्मरक्षा के लिए जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा। बदले में प्रशिक्षकों को 24 दिन के लिए प्रति विद्यालय 2400 रुपये का भुगतान करेगा। खेल शिक्षकों के लिए 19 से 27 मई के बीच विद्यालय आवंटित किए जाएंगे। एक जुलाई से दिसंबर 2024 के बीच में छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। रोजाना वीरांगना एप पर अपलोड करनी होगी फोटो आजमगढ़। पीटीआई स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा के अनुदेशक, व्यायाम शिक्षक, शिक्षिका और केजीबीवी के खेल शिक्षक की तरफ से रोजाना प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके फोटो रोजना ही वीरांगना एप पर अपनी व बालिकाओं की उपस्थिति, फोटोग्राफ, वीडियो क्लिप अपलोड करनी होगी। साथ ही जिन विद्यालयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहां पर एक रजिस्टर में दिवसवार प्रशिक्षण में प्रतिभाग करने वाली बालिकाओं की संख्या व पीटीआई के हस्ताक्षर संबंधी दस्तावेज तैयार करने होंगे। जिसे प्रशिक्षण के बाद मेें प्रधानाध्यापक सत्यापित करते हुए बीईओ के माध्यम बीएसए कार्यालय जमा करना होगा। प्रशिक्षण के दौरान इन बातों का रखें ध्यान - आत्मरक्षा प्रशिक्षण खुले, स्वच्छ, सुरक्षित वातावरण में कराया जाए। - प्रशिक्षण के शुरुआती समय में बालिकाओं को आत्मरक्षा के महत्व के बारे में जानकारी दी जाए। - पहले बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए तैयार करना प्रशिक्षक का दायित्व है - किसी भी गतिविधि से पहले प्रशिक्षक यह सुनिश्चित कर लें कि बालिका अस्वस्थ न हो।