नर्स शालिनी तिवारी की हत्या का तीन महीने बाद खुलासा करते हुए पुलिस ने हेड कांस्टेबल मनोज कुमार और उसके साथी राहुल को गिरफ्तार कर लिया। मनोज ने शादी का दबाव बनाने पर शालिनी की हत्या की बात कबूली है। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए शव एटा और मोबाइल व सिम कार्ड अयोध्या में फेंक दिया था।डीसीपी रविंद्र कुमार ने बताया कि गुजैनी के ओ ब्लॉक तात्याटोपे नगर निवासी मनोज कुमार (50) पुलिस लाइन में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात है। वह शादीशुदा है। तीन साल पहले उसकी बर्रा थाने में तैनाती थी। उसी दौरान उसकी नजदीकियां बर्रा निवासी निजी अस्पताल में नर्स शालिनी तिवारी से हो गई थी। कुछ दिनों बाद शालिनी ने शादी का दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस पर मनोज ने सचेंडी के भीमसेन रामसिंह का पुरवा निवासी अपने साथी राहुल कुमार के साथ मिलकर शालिनी को रास्ते से हटाने की साजिश रची।इसके तहत मनोज फरवरी में शालिनी को पैतृक गांव एटा के मोहल्ला गांधीनगर जैथरा ले गया। वहीं पर गमछे से शालिनी की गला कसकर हत्या कर दी और शव सूखे कुएं में फेंक दिया। पुलिस को गुमराह करने के लिए राहुल के जरिये शालिनी के मोबाइल व सिम अयोध्या में फिंकवा दिए थे। शालिनी के लापता होने के बाद उसके परिजनों ने बर्रा थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। उधर, एटा की जैथरा पुलिस ने 18 फरवरी को शालिनी का शव सूखे कुएं से बरामद किया, लेकिन शिनाख्त न होने पर दाहसंस्कार कर दिया इसके साथ ही हत्या में रिपोर्ट दर्ज कर आसपास के जिलों में शिनाख्त के लिए फोटो भेज दिए। इधर, कानपुर की सर्विलांस पुलिस को शालिनी के मोबाइल की लोकेशन भी कानपुर से एटा फिर अयोध्या दिखा रही थी। पुलिस ने सभी तार जोड़े तो एक ही निकले। फिर पुलिस ने सीडीआर के माध्यम से शालिनी के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई तो सबसे ज्यादा बार हेड कांस्टेबल से बात निकली। शुक्रवार को पुलिस ने हेड कांस्टेबल को उठाया तो उसने हकीकत बयां कर दी। उसके कहने पर राहुल को भी उठा कर जेल भेज दिया।
परिवार से अलग रहती थी शालिनी
पुलिस ने बताया कि शालिनी अपने परिवार से अलग रहती थी। उसका घर भी कम आना जाना था। काफी दिन तक शालिनी की बातचीत न होने व मोबाइल बंद होने पर परिजनों ने अनहोनी की आशंका जाहिर करते हुए गुमशुदगी दर्ज कराई थी। नर्स की हत्या में सिपाही और उसके साथी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। जिस कार से अपहरण किया गया, वह भी बरामद कर ली गई है। बर्रा थाने में दर्ज गुमशुदगी की धारा को हटाते हुए अपहरण, हत्या, साजिश के तहत शव को छिपाने की धारा बढ़ा दी गई है। - रवींद्र कुमार, डीसीपी साउथ कानपुर कमिश्नरी