सीतापुर। पुलिस अधीक्षक ने अनुशासनहीनता पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कमलापुर थाने के एसओ भानू प्रतापसिंह को लाइन हाजिर करते हुए 26 अन्य पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई कर दी। एसपी के पीआरओ रहे प्रदीप सिंह को कमलापुर का एसओ बनाया गया है। एक साथ इस कार्रवाई में पूरा थाना ही बदल गया। करीब 46 दिन पहले ही भानू प्रताप सिंह को कमलापुर थाने की कमान सौंपी गई थी। बुधवार भोर एसपी चक्रेश मिश्र खुद कमलापुर थाने पहुंचे। उन्होंने मौके पर ही थानाध्यक्ष कमलापुर भानू प्रतापसिंह को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही दो चौकी इंचार्ज और हेड मोहर्रिर को भी लाइन का रास्ता दिखा दिया। इसके अलावा देर शाम 22 अन्य पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। इसके साथ अपने पीआरओ प्रदीप सिंह को कमलापुर थानाध्यक्ष नियुक्त कर दिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो उच्चाधिकारियों के दिए गए निर्देश को गलत मानते हुए एसओ ने कार्रवाई करने से मना कर दिया था। इसके बाद कमलापुर थाने के पुलिसकर्मियों पर बड़ी कार्रवाई की गई। एसपी के पीआरओ उपनिरीक्षक प्रदीप सिंह को कमलापुर का एसओ बना दिया गया। वहीं खैराबाद के उपनिरीक्षक उग्रसेन को भी लाइनहाजिर कर दिया। इसके अलावा एसपी ने देर शाम जिले के कई थानों व पुलिस लाइन में तैनात 44 अन्य पुलिसकर्मियों का स्थानांतरण कर दिया। तो क्राइम ब्रांच से विवाद बना कार्रवाई की वजह सूत्रों की मानें तो एसओ के हटने के मामले में क्राइम ब्रांच की अहम भूमिका बताई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि क्राइम ब्रांच ने भारी मात्रा में मादक पदार्थ को खैराबाद से अटरिया के बीच हाईवे पर पकड़ लिया था। एक इनोवा कार में भारी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ लदा हुआ था। अपना कोई थाना न होने के कारण क्राइम ब्रांच को माल को किसी थाने में दर्ज ही कराना पड़ता है। हाईवे पर ही कमलापुर थाना पड़ता है। क्राइम ब्रांच की टीम उस माल को कमलापुर थाने में दाखिल कराना चाह रही थी, लेकिन एसओ भानू प्रताप ने इस काम के लिए मना कर दिया। उनके मुताबिक माल को जहां पकड़ा गया वह स्थान कमलापुर थाना क्षेत्र का नहीं था। अगर ऐसा था तो क्राइम ब्रांच को इसकी जानकारी थाने की पुलिस को देनी चाहिए थी। सुबह के समय इसकी जानकारी एसपी को हुई तो वह खुद ही थाने पहुंच गए। एसपी ने एसओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद भी एसओ ने कार्रवाई को गलत मानकर करने से मना कर दिया। नाराज होकर एसपी ने मामले में यह कार्रवाई कर दी है। तो वाहन से जा रहा था मादक पदार्थ क्राइमब्रांच को जानकारी मिली थी कि एक इनोवा कार से भारी मात्रा में मादक पदार्थ जा रहा है लेकिन उस कार पर सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली कार के जैसा स्टीकर चिपका था। जिससे किसी को तस्करी का शक न हो। बताया जा रहा है कि कार को देखने के बाद एसओ ने कार्रवाई न करने का और अधिक मन भी बना लिया था। गाड़ी में लगे जीपीएस ने खोले राज सूत्रों की मानें तो जिस गाड़ी को क्राइम ब्रांच कमलापुर में दाखिल कराना चाहती थी। उस गाड़ी में जीपीएस लगा हुआ है। इस वजह से वाहन स्वामी को गाड़ी की आवाजाही की पूरी सूचना थी। ऐसे में पुलिस की एक चूक पूरे केस की पोल खोलकर रख देती। शायद यही वजह रही कि एसएचओ कमलापुर ने गाड़ी को अपने यहां दाखिल कराने से मना कर दिया। इस वजह से उन्हें लाइनहाजिर कर दिया गया