फर्रुखाबाद बदहवास पत्नी बोली- मुझे अपने साथ क्यों नहीं ले गए
Up Crime Expressअगस्त 21, 20240
गोद में डेढ़ साल की मासूम भी बेहाल
फर्रुखाबाद धर्मयात्रा जाते वक्त हादसे में चार लोगों की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा है। गोविंद की पत्नी बदहवास है। वह कह रही कि मुझे क्यों नहीं अपने साथ ले गए तुम लोग। उसकी गोद में मात्र डेढ़ साल की बेटी है। बड़े भाई के तीन और छोटे भाई के दो बच्चों के भविष्य को लेकर हर किसी की आंखें नम हैं। अस्पताल के वार्डबॉय ने बड़े भाई अनिल को सूचना दी थी। दुर्घटना के बाद घायल मनोज के साले मोनू को छतरपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान ड्यूटी वार्डबॉय ने उससे मोबाइल नंबर पूछा। मोनू ने बड़े भाई अनिल का नंबर बता दिया। अनिल के पास सबसे पहला फोन वार्डबॉय का आया। उसने हादसे की जानकारी दी, तो अनिल सन्न रह गए। हादसा बड़ा होने की वजह से इन्होंने परिजनों को बताया। इस पर चीख-पुकार मच गई। कुछ ही देर में गांव के तमाम लोगों की भीड़ जमा हो गई। गोविंद की पत्नी रचना, आठ साल का बेटा राघव और डेढ़ साल की बेटी देवकी है। पत्नी को जैसे ही हादसे की भनक लगी, तो वह दहाड़ें मारकर बेहोश हो गई। वह रो-रो कर कह रही कि मुझे भी अपने साथ ले चलते, तो यह दिन देखने को नहीं मिलता। अब किसके सहारे जीवन कटेगा। ग्रामीणों ने दोनों भाइयों को बेहद अच्छा बताया मनोज अपने भाई अनिल व भोले के साथ रेलवे क्रासिंग पर सैलून की दुकान चलाते हैं। गोविंद बेकरी का अच्छा कारीगर है। मनोज व भोलू उर्फ अवनीश गांव के बाहर मकान बनवाकर रह रहे हैं, जबकि गोविंद और अनिल पुराने मकान में ही रहते हैं। गोविंद भी गांव के बाहर मकान बनवाने की तैयारी में लगा था। सूचना पर नायब तहसीलदार सृजन कुमार, अनवर हुसैन राजस्व कर्मियों संग घर पहुंचे। परिजनों को सांत्वना दी। ग्रामीण दोनों भाइयों को बेहद अच्छा बताकर याद कर रहे हैं। बागेश्वर धाम जाते हुई थी दुर्घटना मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम में दर्शन करने जा रहे फर्रुखाबाद जिले के नरैनामऊ गांव निवासी दंपती, छोटे भाई व मां की मौत के बाद यहां मातम पसर गया। महिलाओं का रो-रो का बुरा हाल है। जलालाबाद निवासी साले की हालत गंभीर बताई जाती है। खबर मिलते ही कोतवाली पुलिस ने परिजनों का हाल जाना। परिवार के कई लोग निजी वाहन से घटनास्थल पर रवाना हो गए। सामने खड़े वाहन से टकरा गया था टेंपो थाना क्षेत्र के गांव नरैनामऊ निवासी मनोज श्रीवास्तव उर्फ लालू (45), पत्नी मनु (40), मां नन्ही देवी (62), सबसे छोटा भाई गोविंद (30) और शाहजहांपुर के जलालाबाद निवासी साले मोनू के साथ बागेश्वर धाम के लिए ट्रेन से कानपुर की ओर दोपहर ढाई बजे रवाना हुए। वह मंगलवार सुबह छतरपुर से धाम की ओर टेंपो से रवाना हुए। टेंपो जब सिविल लाइन थाने के गांव कदारी के पास पहुंचा, तो सामने खड़े वाहन से टकरा गया। हादसे में चार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई इस दुर्घटना में मनोज, मनु, नन्ही देवी व गोविंद की मौत हो गई, जबकि मोनू गंभीर रूप से घायल हो गया। मौत की सूचना मिलते ही परिवार में चीख-पुकार मच गई। लालू के घर में तीन बेटी और एक बेटा है। गोविंद अपनी पत्नी और एक बेटी व एक बेटे को साथ लेकर नहीं गया था। चार भाइयों में लालू दूसरे नंबर का और गोविंद सबसे छोटा था। बड़े भाई अनिल और बीच के भोला का रो-रो कर बुरा हाल है। बार-बार बेहोश हो रही थी पत्नी घर में गोविंद की पत्नी बार-बार बेहोश हो रही है। वह कह रही कि उसे भी साथ ले जाते, तो यह दिन देखने को नहीं मिलता। दुर्घटना में एक परिवार के चार लोगों की मौत की सूचना पर घर पर गांव के तमाम लोगों की भीड़ जमा हो गई। कुछ ही देर में थाना पुलिस भी घर पर पहुंची। उन्होंने परिजनों का हालचाल जाना। परिवार के कुछ लोग मौके पर निजी वाहन से रवाना हो गए। गांव के ही मनोज गंगवार ने बताया कि दर्दनाक घटना है। बुधवार सुबह तक शव पहुंचने की उम्मीद है।