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भाजपा नेता की साजिश का पर्दा हुआ फास चंदाैसी पुलिस दो दिन तक बेगुनाहों को पीटती रही

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 कहा- कबूल करो गोली तुमने ही मारी है

चंदौसी में भाजपा नेता प्रेमपाल की साजिश में जेल भेजे गए बेगुनाह श्यामलाल और हेमंत घटना का राजफाश होने के बाद शनिवार को रिहा होने पर घर पहुंचे तो उन्होंने पुलिस की मनमानी की कहानी बयां की। बोले, जुल्म तो हमारे साथ हुआ। दो दिन तक पुलिस पीटती रही और बोली कबूल कर लो गोली तुमने मारी है। दो दिन पुलिस की प्रताड़ना झेलने के बाद कबूल नहीं किया, जिसके बाद झूठे मुकदमे में जेल भेज दिया। जेल में 37 दिन घुटन के साथ काटे। भला हो डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का जो उन्होंने हमारी सुनी। तीसरा बेगुनाह दिलीप सोमवार को रिहा हो सकेगा।
कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला लोधियान निवासी श्यामलाल ने बताया कि 27 जुलाई की रात करीब 12 बजे पांच पुलिसकर्मी उनके घर में घुस आए थे। सोते से उठाने के बाद उनके साथ दिलीप और हेमंत के घर ले गए। वहां उनको भी सोते से ही उठाया और तीनों को कोतवाली लाकर पिटाई शुरू कर दी।
पुलिसकर्मी पिटाई करने के साथ कह रहे थे कि कबूल कर लो कि भाजपा नेता प्रेमपाल सिंह को गोली तुमने मारी है। जब गोली मारने की बात कबूल नहीं की गई तो दो रात तक पिटाई की। 29 जुलाई की सुबह जेल भेज दिया। श्यामलाल ने बताया कि प्रेमपाल से उनकी कोई रंजिश नहीं है।
वह मोहल्ले में राशन डीलर है। बताया कि दिलीप और हेमंत की 11 बीघा जमीन बदायूं के गांव परौली में है। उस जमीन को प्रेमपाल सिंह अपने नाम करने का दबाव बना रहा था। जब दिलीप और हेमंत दबाव में नहीं आए तो 10 लाख रुपये उधार होने की झूठी कहानी रच रहा था।
53 लाख की जमीन हड़पने के लिए रची थी साजिश
त्रिवेणी देवी की पुश्तैनी चार बीघा जमीन शहर से लगी थी। उसको 60 लाख रुपये में बेच दिया था और बदायूं के गांव परौली में 11 बीघा जमीन 53 लाख रुपये की खरीद ली थी, उस समय पर कब्जा ग्रामीणों ने नहीं होने दिया। इसलिए त्रिवेणी देवी और दोनों बेटे परेशान थे।
इसकी जानकारी प्रेमपाल सिंह को लगी तो वह काफी समय पहले त्रिवेणी के घर पहुंचा और जमीन खरीदने की बात कही थी। एक लाख रुपया भी एडवांस दिया और तीन महीने में जमीन का पूरा भुगतान करने और नाम कराने की बात कही थी।
समय पूरा हो गया तो प्रेमपाल सिंह ने जमीन का बैनामा कराने की बात कही और बैनामा होने के बाद भुगतान करने के लिए कहा। इस पर त्रिवेणी और उनके दोनों बेटे राजी नहीं हुए। इसलिए उसने 27 जुलाई की रात को गोली मारने की झूठी कहानी रच डाली।
किसी ने नहीं सुनीं फरियाद, बताया आरोपी
त्रिवेणी देवी ने बताया कि वह अपने बेटों के बेगुनाह होने की फरियाद लेकर संभल, मुरादाबाद और बरेली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक गईं लेकिन सुनी किसी ने नहीं। सभी ने बेटों को दोषी बताया। लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मेरी फरियाद सुनी।
पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को निष्पक्ष जांच के लिए निर्देश दिए। जांच तो निष्पक्ष कर दी और बेटे बेगुनाह साबित हो गए लेकिन जो गुनाहगार थे उन्हें जेल जाने से पहले ही जमानत दे दी गई।
फिल्मी पटकथा जैसी है शरीर में गोली प्लांट कराने की कहानी
प्रेमपाल की कमर में घाव करने के लिए निजी अस्पताल का कंपाउंडर आमिर आया और उसने घटनास्थल पर पहुंचकर पहले कमर में घाव किया और फिर इस्तेमाल की गई 315 की गोली अंदर कर दी। इस साजिश को न पुलिस समझ सकी और न चिकित्सक। या यूं कहा जाए कि समझना ही नहीं चाहा। बेगुनाह लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की और फिर प्रताड़ित कर गोली मारने की बात तक कबूल कराई।
तीनों को साजिशन फंसाया गया था। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया तो प्रेमपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। तमंचा पुलिस ने दिलीप के कब्जे से बरामद किया था। उसके आधार पर कार्रवाई अलग से है।

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