ग्रामीण क्षेत्रों में दोनो खूंखार जानवरो से बढ़ी दहशत
बहराइच कोतवाली थाना क्षेत्र मुर्तिहा के ग्राम हरखापुर निवासी एक किसान खेत में लौकी तोड़ने गया था। पहले से खेत में मौजूद तेंदुए ने हमला कर किसान को लहूलुहान कर दिया। खेत में काम कर रहे परिजनों ने हांका लगाकर किसी तरह तेंदुए के चंगुल से छुड़ाया और सीएचसी मोतीपुर ले गए। हालत गंभीर देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि किसान के मां व पिता ने तेंदुए से भिड़कर उसे बचाने की कोशिश की।
कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के धर्मापुर वन रेंज के बीट संख्या 16 के तहत ग्राम हरखापुर के एक खेत में बृहस्पतिवार की शाम लौकी तोड़ रहे किसान मधुसूदन (40) निवासी ग्राम हरखापुर पर तेंदुए ने हमला कर दिया। इस दौरान खेत में काम कर रहीं किसान की मां श्रीमती व पिता राम कुमार बेटे को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गए। इस पर तेंदुआ गन्ने के खेत की ओर भाग गया।
हमले में मधुसूदन गंभीर रूप से घायल हो गए। आनन-फानन परिजन तेंदुए के हमले की सूचना वन विभाग को देते हुए मधुसूदन को सीएचसी मोतीपुर ले गए। वहां घायल मधुसूदन का प्राथमिक उपचार करने के बाद जिला अस्पताल बहराइच रेफर कर दिया गया। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के धर्मापुर वन क्षेत्राधिकारी रत्नेश कुमार ने घायल के परिजनों को पांच हजार की सहायता दिलाई।
कैमरे में कैद हुआ भेड़िया
तहसील क्षेत्र महसी में मार्च से खूनी भेड़ियों का झुंड आतंक का पर्याय बना है। झुंड के चार भेड़ियों को तो वन विभाग ने पकड़ लिया है लेकिन एक भेड़िया अब भी पकड़ से दूर है। जिसकी तलाश वन विभाग कर रहा है। पांचवां भेड़िया बुधवार को ड्रोन कैमरे में कैद हो गया। अब इसके पकड़े जाने की उम्मीद बढ़ गई है।
महसी तहसील क्षेत्र के 55 से अधिक गांवों में भेड़ियों की दहशत है। इससे किसानों की खेती, बच्चों की पढ़ाई और वन विभाग की रातों की नींद उड़ गई है। जिला प्रशासन के साथ-साथ वन विभाग जल्द से जल्द भेड़ियों को पकड़ने के लिए पैदल कॉम्बिंग के साथ-साथ थर्मल ड्रोन, ट्रैप कैमरे की मदद ले रहे हैं लेकिन सफलता हाथ नहीं लग रही है।लगभग 20 दिन बाद भेड़िया वन विभाग के ड्रोन कैमरे में कैद हुआ है। डीएफओ अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि भेड़िया सिसैया चूड़ामणि गांव के कछार से चहलारी घाट की ओर जाता दिखा है। इसके बाद कॉम्बिंग बढ़ा दी गई है। उसे जल्द पकड़ लिया जाएगा।
ग्रामीण भेड़िये को लेकर दहशत में
कोतवाली देहात क्षेत्र के बहादुरचक गांव निवासी आलोक शर्मा की दो बकरियां घर के बाहर बंधी थीं। बुधवार की रात जंगली जानवर ने बकरियों को निवाला बना लिया। बृहस्पतिवार सुबह दोनों का क्षत-विक्षत शव देख पूरे गांव में भेड़िये की दहशत फैल गई। पीड़ित आलोक ने बताया की भेड़िये का हमला है।
10 दिन पूर्व गांव के पास भेड़िया दिखने का दावा
बहादुर चक निवासी आलोक, रवि शर्मा, राजकुमार व सुनील आदि ने बताया कि 10 दिन पूर्व गांव के पास भेड़िया दिखा था। रवि ने दावा कि भेड़िया ने उस पर हमला भी किया था जिसकी सूचना तत्काल जिम्मेदर अधिकारियों को दी गई थी लेकिन मौके पर कोई नहीं आया। प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा भेड़िया देखने की बात सामने आने पर जिम्मेदारों को बताया था लेकिन कोई नहीं आया।
वन दरोगा बोले- पहले दफना दो, बाद में देखा जाएगा
बहादुर चक प्रधान प्रतिनिधि राजकुमार ने बताया कि बकरियों पर हमले और मौत की सूचना तत्काल वन दरोगा अमित श्रीवास्तव को दी लेकिन उन्होंने कहा कि बकरियों के शव को तत्काल दफना दो। बाद में देखा जाएगा। प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि पूरा गांव दहशत में है। वन विभाग की इस लापरवाही से भारी आक्रोश है।
मोहरना गांव में 22 सितंबर को एक बछिया बनी थी निवाला
बहादुर चक से लगभग एक किमी दूर स्थित मोहरना गांव में 22 सितंबर को जंगली जानवर ने एक बछिया को निवाला बनाया था। वहां भी ग्रामीणों ने भेड़िये के हमले की बात कही थी। वहां भी वन विभाग से किसी भी टीम के न आने का आरोप लगा था। वहीं यहां के प्रधान प्रताप नारायण ने भी भेड़िये के हमले की आशंका जाहिर की थी