जहां सबने छोड़ दिया था, वहीं डॉक्टर अदील ने बचाई सांसें
लोग कहते हैं डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं, लेकिन आजमगढ़ के फूलपुर में रहने वाले डॉ. अदिल सुहेल ने ये साबित भी कर दिखाया।
कोबरा जैसे खतरनाक और जानलेवा सांप के काटे गए युवक की आंखों से रोशनी जा चुकी थी, शरीर जवाब दे चुका था, परिवार ने उम्मीदें छोड़ दी थीं… लेकिन डॉ. अदिल ने हार नहीं मानी।
रजनीश मौर्य पुत्र विजय भान मौर्य, निवासी कौड़ियां थाना फूलपुर, आजमगढ़, रोज़ की तरह अपनी किराने की दुकान पर बैठे थे। सामान देते हुए जैसे ही उन्होंने पैर नीचे किया, एक ज़हरीला कोबरा सांप जो काउंटर के नीचे छिपा था, उसने सीधे उनके अंगूठे में डस लिया।
शुरुआत में रजनीश को यह तक पता नहीं चला कि सांप ने काटा है, लेकिन कुछ ही मिनटों में ज़हर तेजी से शरीर में फैल गया। उनकी आंखों की रोशनी चली गई, शरीर सुन्न होने लगा और उन्हें चक्कर आने लगे।
बिना देर किए पिता विजय भान मौर्य बेटे को लेकर पहुंचे डॉ. अदिल सुहेल के पास, लेकिन तब तक हालत गंभीर हो चुकी थी। आंखों से दिखना बंद हो चुका था। परिवार में चीख-पुकार मच चुकी थी।
डॉ. अदिल ने न घबराए, न समय गंवाया
उन्होंने रजनीश को तुरन्त हॉस्पिटल में भर्ती किया और बिना एक पल रुके इमरजेंसी ट्रीटमेंट शुरू कर दिया। उन्होंने हर मुमकिन कोशिश की, दवा, निगरानी, इंजेक्शन और सबसे बड़ी बात – अल्लाह पर यकीन।
परिणाम चौंकाने वाला था — सिर्फ दो घंटे के अंदर रजनीश की आंखें खुलीं, उसने बोलना शुरू किया और ज़िंदगी की ओर लौट आया।
परिवार वालों की आंखों में आंसू थे, लेकिन अब वह डर के नहीं, राहत के आंसू थे।
पिता विजय भान ने कहा – “हमने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन डॉक्टर अदिल हमारे लिए फरिश्ता बनकर आए।”
डॉ. अदिल का कहना था
जब मरीज आया तो हालत बेहद गंभीर थी, पर हमारी मेहनत और खुदा की मेहरबानी से आज वह ठीक है। इससे बड़ी खुशी मेरे लिए कुछ नहीं।
डॉ. सुहेल मल्टी स्पेशलिटी हेल्थ केयर, निकट कैफ़ी मोड़, सुपर कॉलोनी, फूलपुर, आज़मगढ़