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लखनऊ का मेदांता हॉस्पिटल रोबोटिक सर्जरी से मरीजों को मिल रहा आधुनिक और सटीक इलाज

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 रोबोटिक सर्जरी से बढ़ी उपचार की सटीकता




रिपोर्टर राकेश गौतम 
मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ द्वारा आजमगढ़ में आयोजित ‘मीट एंड ग्रीट’ कार्यक्रम में अत्याधुनिक रोबोटिक सर्जरी तथा किडनी ट्रांसप्लांट सेवाओं से संबंधित नवीनतम तकनीकों व उपचार पद्धतियों पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

रोबोटिक सर्जरी से बढ़ी उपचार की सटीकता

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मेदांता लखनऊ के मेडिकल डायरेक्टर एवं यूरोलॉजी व किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी निदेशक, डॉ. राकेश कपूर ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है।
उन्होंने कहा—
“रोबोटिक तकनीक बेहद जटिल सर्जरी को भी अत्यधिक सटीकता और कम जोखिम के साथ पूरा करने में सक्षम है। इससे ऑपरेशन का समय कम होता है, पोस्ट-ऑपरेटिव दर्द घटता है और मरीजों की रिकवरी पहले की तुलना में काफी तेज होती है। दिक्कतें कम होने से मरीज जल्दी सामान्य दिनचर्या में लौट पाते हैं।”

उन्होंने बताया कि मेदांता हॉस्पिटल में स्त्रीरोग, प्रसूति, यूरोलॉजी, उदर, हृदय और कई अन्य प्रकार की जटिल सर्जरी विश्व स्तरीय रोबोटिक तकनीक से सफलतापूर्वक की जा रही हैं।

किडनी ट्रांसप्लांट सेवाएं—मरीजों को नई जिंदगी

मेदांता के नेफ्रोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट निदेशक डॉ. धर्मेंद्र एस. भदौरिया ने किडनी रोगों और उपचार पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
उन्होंने बताया कि मेदांता की रीनल सर्विसेज में —

प्री-ट्रांसप्लांट मूल्यांकन

उच्च स्तरीय सर्जिकल प्रक्रिया

पोस्ट-ट्रांसप्लांट देखभाल

लंबे समय तक चलने वाला पुनर्वास कार्यक्रम

— सभी शामिल हैं। इसका उद्देश्य एंड-स्टेज किडनी रोग से जूझ रहे मरीजों को नई उम्मीद और बेहतर जीवन प्रदान करना है।

डॉक्टरों द्वारा बताए गए किडनी संबंधी प्रमुख तथ्य

किडनी फेल्योर का पहला संकेत यूरिन आउटपुट में कमी है।

शरीर में तरल पदार्थ जमा होने से आंखों के नीचे सूजन, फेफड़ों और पेट में पानी भर सकता है।

भूख में कमी, एनीमिया, मतली और लगातार कमजोरी भी इसके सामान्य लक्षण हैं।

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद यदि 3 माह के भीतर यूरिन आउटपुट सामान्य हो जाए और क्रिएटिनिन स्तर नियंत्रित हो, तो ट्रांसप्लांट सफल माना जाता है।

दवाओं का नियमित सेवन और समय-समय पर फॉलो-अप बेहद जरूरी है, जिससे ट्रांसप्लांट की गई किडनी लंबे समय तक ठीक से कार्य करती है।

आजमगढ़ में मेदांता की नियमित ओपीडी—अब विशेषज्ञ सलाह एक ही शहर में

मेदांता लखनऊ ने घोषणा की कि अब आजमगढ़ में हर सप्ताह निर्धारित दिनों पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियमित ओपीडी सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। इससे स्थानीय मरीजों को लखनऊ या अन्य शहरों में जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

ओपीडी शेड्यूल

पहला शनिवार: यूरोलॉजी – डॉ. इमरान अहमद खान, AGM हॉस्पिटल

दूसरा बुधवार: कार्डियोलॉजी – डॉ. हिमांशु गुप्ता, विनायक हॉस्पिटल

तीसरा शनिवार: पल्मोनोलॉजी – डॉ. विपुल प्रकाश सरोज, संबंधित हॉस्पिटल

तीसरा शनिवार: यूरोलॉजी – डॉ. इमरान अहमद खान, AGM हॉस्पिटल

चौथा गुरुवार: GI सर्जरी – डॉ. आशिष बंसल, रामा हॉस्पिटल

कार्यक्रम के अंत में विशेषज्ञों ने बताया कि मेदांता का उद्देश्य ग्रामीण और semi-urban क्षेत्रों के मरीजों तक विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाना है, ताकि उन्हें बेहतर उपचार के लिए दूर के शहरों पर निर्भर न रहना पड़े। मेदांता की यह पहल आजमगढ़ और आसपास के जिलों के मरीजों के लिए बड़ी राहत देने वाली साबित होगी।

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