लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की चौथी सूची जारी कर दी है। इसमें 45 उम्मीदवारों के नाम का एलान किया गया है। कांग्रेस ने तीसरी बार सहारनपुर सीट से इमरान मसूद पर दांव खेला है।
दरअसल, सहारनपुर लोकसभा सीट को मुस्लिम बाहुल्य माना जाता है। जिस पर मुस्लिमों की संख्या करीब सात लाख है। बसपा की तरफ से लोकसभा क्षेत्र प्रभारी माजिद अली को प्रत्याशी घोषित किया जा चुका है। दूसरी तरफ कांग्रेस से इमरान मसूद के मैदान में आ गए हैं।
ऐसे में भाजपा के सामने बड़े राजनीतिक दलों से दो मुस्लिम प्रत्याशी हो जाएंगे, जिस कारण इस बार मुस्लिम वोटों में बिखराव हो सकता है। 2019 में भी भाजपा के सामने दो मुस्लिम प्रत्याशी थे। जिसमें बसपा-सपा गठबंधन के प्रत्याशी हाजी फजर्लुरहमान ने जीत हासिल की थी।
इसकी वजह यह थी कि हाजी फजर्लुरहमान को मुस्लिम-दलित समीकरण का लाभ मिला, लेकिन इस बार ऐसा नहीं दिख रहा। क्योंकि बसपा अकेले चुनाव लड़ रही हैं और अनुसूचित वर्ग के वोटरों का झुकाव आज भी बसपा की तरफ ही है। ऐसे में इस बार मुस्लिम वोटों में बिखराव हो सकता है। जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है। क्योंकि 2014 में जहां इमरान मसूद को 407909 वोट मिले थे वहीं 2019 के चुनाव में वह 207068 वोट ही हासिल कर सके थे।