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रेमल तूफान का कहर: पूर्वोत्तर में मचाई भारी तबाही

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   अब तक 36 की मौत, 10 लोग लापता यातायात प्रभावित, बिजली-    इंटरनेट ठप




पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को रेमल चक्रवात से प्रभावित दक्षिण 24 परगना के क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने मंगलवार को वादा किया था कि आदर्श आचार संहिता हटने के बाद वह मुआवजे पर विचार करेंगी। 
चक्रवात रेमल भले ही पूर्वोत्तर में कमजोर पड़ने लगा हो, लेकिन पूर्वोत्तर के राज्यों को भारी बारिश और भूस्खलन से तबाही का सामना करना पड़ा है। बुधवार तक इस आपदा में 36 लोगों की मौत हो गई, जबकि 10 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में सड़क और रेल संपर्क में गंभीर व्यवधान आया, जिससे दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मिजोरम को सबसे अधिक प्रभाव झेलना पड़ा, जहां 29 लोगों की मौत हुई, जिसमें आइजोल जिले में एक खदान धंसने की घटना भी शामिल है। नगालैंड में चार, असम में तीन और मेघालय में दो लोगों की मौत हो गई। तेज हवाओं के साथ लगातार बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाओं के अलावा, पेड़ उखड़ गए और बिजली और इंटरनेट जैसी आवश्यक सेवाएं बाधित हो गईं। त्रिपुरा में पिछले 24 घंटों के दौरान 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के साथ भारी बारिश हुई। करीब 470 घर क्षतिग्रस्त हो गए और 750 लोग विस्थापित हो गए।
प्रभावितों ने विभिन्न जिलों में 15 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। त्रिपुरा के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री सुशांत चौधरी ने अगरतला में कहा, त्रिपुरा में पिछले दिन औसतन 215.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें उनाकोटि जिले में सबसे अधिक 252.4 मिमी बारिश हुई।

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