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युवाओं पर बहुत बड़ा संकट ऑनलाइन गेम खेलने के लिए भी ब्याज पर पैसा दे रहे सूदखोर

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जाने क्यों बन रहे युवा शिकार, कही आपका बच्चा भी तो इसकी जद में नही ? 



कानपुर ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा कारोबार के विस्तार के साथ ही अब सूदखोरों ने इसके लिए ब्याज पर पैसा बांटना भी शुरू कर दिया है। इसके लिए सूदखोर युवाओं, खासकर कॉलेज में पढ़ने या प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए दूसरे शहरों से आने वालों को टारगेट कर रहे हैं।
काकादेव मामले की अबतक की जांच में भी ऐसे संकेत सामने आए हैं। पता चला है कि नाबालिग को पीटने वाले आरोपियों ने काकादेव क्षेत्र के ही एक सूदखोर से ब्याज पर रकम उठाई थी। पैसा लेते समय उन्होंने ऑनलाइन गेम खेलने के लिए ही निवेश का कारण भी बताया था।
चूंकि युवाओं को धमकाना और रुपये वसूलना आसान है, इसलिए सूदखोर इन्हें रकम देने में भी नहीं हिचक रहे।सूदखोर से गूगल पे, क्रेडिट व डेविट कार्ड पर आनलाइन ही पांच से 10 फीसदी सूद पर रकम लेकर आन लाइन गेम पूरा करते हैं। 

 सूदखोरों की वसूली और धमकियों का शिकार हो रहे हैं बच्चे
जाहिर है कि उनके इस खेल से जहां बच्चे ऑनलाइन गेमिंग के काले कारोबार में और घुसते चले जा रहे हैं। वहीं इसमें रकम डुबोने वाले बच्चे सूदखोरों की वसूली और धमकियों का भी शिकार हो रहे हैं। गेम में ही नहीं क्रिकेट मैच में भी ऑनलाइन सट्टा खेला जा रहा है।

ऐसे सूदखोरों की लाश में जुटी है पुलिस
सट्टेबाज युवाओं को भी सूदखोर आनलाइन रकम ट्रांसफर करते हैं। सूत्रों की मानें तो बर्बता करने वाले युवाओं के मन में इस बात का भी डर था कि उन्हें रकम वापस लौटानी है और अगर वह नहीं लौटाते हैं, तो सूदखोर उनसे सख्ती कर सकता है। पुलिस अब ऐसे सूदखोरों की भी तलाश में जुटी है, जो बच्चों को ब्याज पर रकम दे रहे हैं।

ऑनलाइन गेम में साइबर ठगी का भी हो रहे शिकार
साइबर सेल में हर महीने सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं जिनमें बच्चे ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान परिवार के सदस्यों के यूपीआई या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर साइबर ठगी का शिकार हो जाते हैं। साइबर थाना प्रभारी हरमीत सिंह ने बताया कि कई गेम प्ले स्टोर से हटा दिए गए हैं, लेकिन उनको एपीके (एंड्राइड पैकेज किट) के जरिए अभी भी डाउनलोड किया जा रहा है।

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