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घर पर थी स्वागत की तैयारी अचानक पहुंचा मौत का पैगाम

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 भाइयों और पिता की मौत की खबर सुन बेटी हुई बेहोश पूरे घर

मुरादाबाद में बृहस्पतिवार सुबह हुए हादसे में स्वार कोतवाली क्षेत्र के मुकरमपुर गांव के पांच लोगों की मौत की जानकारी मिलते ही गांव में सन्नाटा छा गया। हज से लौट रहे माता-पिता के स्वागत के लिए उनकी इकलौती बेटी मुकीम जहां पहले ही ससुराल से मायके आ गई थी। जब उसे पिता और भाइयों की मौत की खबर मिली तो बेसुध हो गई। एक परिवार के चार लोगों की मौत की खबर से हर कोई स्तब्ध रह गया। 
गांव में चूल्हे तक नहीं जले। मुकरमपुर गांव निवासी हाजी अशरफ अली (65) और उनकी पत्नी जैतून (60) बुधवार की रात हज करके दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे थे। उन्हें घर लाने के लिए उनके चारों बेटे नक्शे अली (42), आरिफ अली उर्फ महबूब (24), इंतेखाब अली (20) और आसिफ अली (22) कार चालक अहसान अली (32) के साथ किराये पर गाड़ी लेकर दिल्ली गए थे।
कार से लौटते समय बृहस्पतिवार की सुबह करीब आठ बजे मुरादाबाद क्षेत्र के मूंढापांडे में हुए हादसे में अशरफ, नक्शे अली, आरिफ अली उर्फ महबूब, इंतेखाब और अहसान अली की मौत हो गई। हादसे में हाजी अशरफ की पत्नी जैतून और बेटा आसिफ घायल हो गए। उन्हें मुरादाबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यह खबर जब हाजी अशरफ अली के परिवार और गांव के लोगों को मिली तो गांव में मातम छा गया। माता-पिता के स्वागत के लिए घर आईं मुकीम जहां बेहोश हो गईं। वह अपनी ससुराल सहपुरा टांडा से मायके आईं थीं। माता-पिता के घर पहुंचने से एक घंटे पहले हादसे की खबर पहुंच गई। इसके बाद गांव में चूल्हे तक नहीं जले। तमाम लोगों ने घर पहुंचकर परिजनों को ढाढ़स बंधाया।
हादसे पर विधायक ने जताया शोक
मूंढापांडे में हुए हादसे में मुकरमपुर गांव के पांच लोगों की मौत पर स्वार विधायक शफीक अहमद अंसारी ने गहरा दुख जताते हुए मृतकों को श्रद्धांजलि दी। साथ ही परिजनों के प्रति सहानुभूति जताई। विधायक ने कहा कि इस दर्दनाक हादसे से वे आहत हैं। विधायक में मगफिरत की दुआ की। उधर, चमरौआ के पूर्व विधायक अली यूसुफ अली ने भी हादसे पर गहरा दुख जताया।
20 साल पहले सूरत चले गए थे नक्शे अली 
हाजी अशरफ अली किसान थे। उनके बड़े बेटे नक्शे अली 20 साल पहले सूरत में कोट-पैंट की सिलाई करने गए थे। काम चला तो बाद में अपने दो भाइयों आरिफ और इंतेखाब को ले गए। तीनों भाई कारखाना चलाकर अपना कारोबार कर रहे थे।
वहां अपना फ्लैट भी ले लिया था। नक्शे अली और आरिफ शादी के बाद अपने परिवार भी वहीं ले गए थे। इंतेखाब की शादी नहीं हुई थी। वह अपने भाइयों के साथ ही रहता था। वहीं आसिफ अपने माता-पिता के साथ स्वार में ही रहकर गाड़ियों की डेंटिंग-पेंटिंग का काम करता है।
डेढ़ माह पहले बेटों ने माता-पिता को हज के लिए भेजा था
लगभग डेढ़ माह पहले चारों बेटों ने मिलकर अपने मां-बाप को हज के लिए रवाना किया था। उसके बाद तीन बेटे सूरत वापस चले गए थे। माता-पिता के हज से लौटने की जानकारी मिलने पर गुजरात के सूरत से घर आए थे। हालांकि, नक्शे अली और आरिफ की पत्नी और बच्चे नहीं आए थे। हादसे की जानकारी मिलने पर सभी बदहवाश हो गए और सभी सूरत से गांव के लिए चल दिए।
कार में सबसे पीछे बैठे थे मां-बेटे, हादसे में सिर्फ वही बचे 
कार सात सीटर थी। चालक के पास हाजी अशरफ अली का एक बेटा बैठा था। बीच की सीट पर हाजी और उनके दो बेटे थी। सबसे पीदे हाजी की पत्नी जैतून और एक बेटा आसिफ बैठा था। हादसा हुआ तो कार के अगले हिस्से से और बीच की सीटों पर सीटों पर जोरदार टक्कर लगने से पांच लोगों की मौत हो गई। वहीं पिछली सीट पर बैठे मां-बेटे की जान बच गई। हालांकि, घायल होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन हालत खतरे के बाहर है।

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